शुक्रवार, अक्तूबर 04, 2013

संदेश

स्टिल लाइफ़ विद लेटरज़, कूज़मा पेत्रोव-वोद्किन
Still Life with Letters, Kuzma Petrov-Vodkin



वह दरवाज़ा जो किसी ने खोला था
वह दरवाज़ा जो किसी ने बंद किया था
वह कुर्सी जिस पर कोई बैठा था
वह बिल्ली जिसे किसी ने सहलाया था
वह फल जिसे किसी ने चखा था
वह पत्र जो किसी ने पढ़ा था
वह कुर्सी जो किसी ने पलट दी थी
वह दरवाज़ा जो किसी ने खोला था
वह रास्ता जिस पर कोई दौड़ रहा है
वह जंगल जिसे कोई पार कर रहा है
वह नदी जिस में कोई कूद रहा है
वह अस्पताल जहां कोई मर गया 



-- याक प्रेवेर 




 याक प्रेवेर  ( Jacques Prévert )फ़्रांसिसी कवि व पटकथा लेखक थे. अत्यंत सरल भाषा में लिखी उनकी कविताओं ने उन्हें फ्रांस का, विक्टर ह्यूगो के बाद का, सबसे लोकप्रिय कवि बना दिया. उनकी कविताएँ अक्सर पेरिस के जीवन या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के जीवन के बारे में हैं. उनकी अनेक कविताएँ  स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं व प्रसिद्ध गायकों द्वारा गायी गयी  हैं. उनकी लिखी पटकथाओं व नाटकों को भी खूब सराहा गया है. 
उनकी यह कविता उनके सबसे प्रसिद्द कविता संग्रह 'पारोल' से है. 


इस कविता का मूल फ्रेंच से हिंदी में अनुवाद -- रीनू  तलवाड़

3 टिप्‍पणियां:

  1. शीर्षक न हो तो एक विवरण की तरह लगता है सब. शीर्षक की उपस्थिति से अर्थ सबमें व्याप्त हो जाता है.
    बेहतरीन प्रस्तुति.
    आज बहुत दिन बाद समुद्र पार के पाखी पर आना हुआ.
    कुछ लम्हा इन पाखियों के साथ गुजारूँगा..

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  2. बहुत अच्‍छी कविता का उतना ही अच्‍छा और सहज अनुवाद। भाषा, बिम्‍बों, प्रतीकों, भंगिमाओं को अपना-सा बनाता हुआ।

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